तारीफ इतनी भी ना कर ऐ दोस्त , की मुझको खुद पे गुमाँ हो जाये
चाहत इतनी ही है पाँव रहें जमीँ पर, मगर हम दिल में घर बना जायें !!!
Author Archives: Preeti Mishra Tiwari
MOTHER
Have you ever thought of deeply,
what does the six-letter word ‘MOTHER‘ mean?
Surely to some, she is one who brings you to this world,
To some, she is the one who nurses you
OR to some, she is the one who nourishes you,
OR she is the one who shares your joys & sorrows,
OR she is the one who teaches you right from wrong…
but to me far than these,
when LOVE, PASSION & EMOTION selflessly join together..
it’s surely no one other but your beloved MOTHER……
LOVE her, CHERISH her and most importantly RESPECT her coz she won’t be there with you FOREVER….
Preeti Mishra Tiwari
May 10 2014
दूरियां : Distances
नज़रिया- Viewpoint
तू कहता है गम ज़िन्दगी में तेरे हज़ार हैं,
मैं कहता हूँ मेरे पास खुशियाँ अपार हैं ,
तू कहता है तुझ पर दुःखों का पहाड़ है ,
मैं कहता हूँ मेरे पास सुख बेशुमार है ,
तू कहता है तेरे पास अपनों का नहीं प्यार है ,
मैं कहता हूँ मेरे पास प्यार भरा संसार है,
तू कहता है तेरे पास वक़्त का आभाव है,
मेरे पास वक़्त ही वक़्त है ये मेरा स्वभाव है,
वक़्त के घंटे तेरे पास भी उतने हैं ,
वक़्त के घंटे मेरे पास भी उतने ही हैं ,
तेरे पास भी अपने उतने ही हैं ,
मेरे पास भी अपने उतने ही हैं ,
गम और खुशियां तेरे मेरे पास एक ही हैं,
संसार का व्यापार तेरे मेरे लिए एक ही है ,
कमी तुझको भी नहीं की, देने में उस खुदा ने,
कमी मुझको भी नहीं की, देने में उस खुदा ने,
फ़र्क़ इतना ही है मेरे दोस्त ,
तेरा ज़िन्दगी जीने का नज़रिया जुदा है
मेरा ज़िन्दगी जीने का नज़रिया जुदा है
– प्रीती मिश्र तिवारी
September 26 2014
दशहरा – Dussehra
दहन कागज़ के पुतले को रावण का नाम देकर कर भी दिया
तो दशहरे के मायने नहीं समझे हैं तुमने ,
मन के अंदर बसी दुर्भावनाओं का दहन हो तो सही मायने में दशहरा है ,
प्रेम भी तुम में द्वेष भी तुम में
राम भी तुममे ,रावण भी तुममे ,
गुण भी तुम में ,अवगुण भी तुममें ,
विचार करो गहन किसका करोगे दहन
क्योंकि राम भी तुम में रावण भी तुम में
प्रण करें की एक अवगुण का नाश हो ,
बाहर नहीं किन्तु अपने अंदर के रावण का विनाश हो
-प्रीती मिश्र तिवारी
October 3 2014
Love
These days … It’s not like I don’t love people around me .. Or I dislike them …it’s just that I have started loving myself more :)) … These days
– Preeti Mishra Tiwari
October 16 2014
जीवन सरल है …..Life is Simple
जीवन सरल है
अगर मौन कथा है औ मन ही में सीमित व्यथा है ,
जीवन सरल है
गर मंदिर-मस्जिद के फेरों से दूर ,मन के घेरे में शिवाला है,
जीवन सरल है
तेरे मेरे इसके उसके जालों से परे गर यह मन मस्त मतवाला है,
जीवन सरल है
गर झूठ-प्रपंच से परे यह मन सच की राह पे चलने वाला है,
थोड़ी सी हैं साँसे फिर भी जाले कई बुने हैं हमने
साफ़ रहे जो यह मन तो जीवन सचमुच सरल है…
फंसे जो इन मकड़ जालों में तो फिर जीवन विकट गरल है
वर्ना हंस के जीते जाओ तो जीवन यह बहुत सरल है….
प्रीति मिश्र तिवारी
February 20 2015
Life is Simple
if silence is your story and you keep your sorrows to yourself
Life is simple
if you are away from the differences of religions and realize GOD is within you
Life is simple
if you are away from worldly matters of this is his this is mine, if you are content with what you have
Life is simple
if your heart follows the truth and is away from the lies and deceptions
Life is short-lived and still we have webs of wrongdoing around us…
if your conscience is clear then life is really simple…
if you get entangled in the cobwebs of hatred and lies then life is very difficult
else..follow the right path smilingly and you will realize this life is very simple…
माँ – Mother
जब खोली थीं आँखें अपनी , पाया था अपने को निश्छल गोदी में,
तब से देख रही हूँ इक चेहरा , कुछ जाना कुछ अंजाना सा ,
जिसने अमृत घूँट पिलाकर मुझमें जीवन का संचार किया ,
जीवन के हर सुख में दुःख में , जिसने हर पल मेरा साथ दिया ,
कभी डांटा कभी डपटा तो कभी जी भर कर दुलार दिया ,
नहीं समझ सकी थी तब मैं , उस डाँट में छिपी अपनत्व की भावना
महसूस नहीं कर सकी थी की मैं अंश हूँ उस अस्तित्व का
जो कभी लगती मुझे एक पहेली , तो कभी अपनी प्यारी सहेली ,
आज बानी जो अंतः प्रेरणा मेरी “मधु” से भरी वो माँ है मेरी,
जाने जिसमें है कितनी गहराई , जितनी बार समझना चाही ,
हर बार एक नयी बात है पायी , आज चाहती हूँ बस इतना ही कहना ,
“माँ ” शब्द में इतनी करुणा, ममता और अनुराग भरा।
“माँ ” शब्द में ही सारे जीवन का सार भरा
— प्रीती मिश्र तिवारी (१८/अप्रैल/१९९६)
April 18 1996
मेरी बिटिया – My Daughter
कभी चिड़िया सी चहकती ,
कभी तितली सी इठलाती ,
कभी फूलों सी महकती’,
कभी बारिश सी बरसती ,
कभी रूठती ,कभी मनाती
“मेरी बिटिया”
कभी मेरे घर की आवाज़ ,
कभी मेरे आँगन की धूप छावों ,
कभी मेरे आँखों की नमी,
कभी मेरे चेहरे की मुस्कराहट ,
कभी मेरा अभिमान है वो,
कभी धड़कन की जान है वो ,
“मेरी बिटिया”
-प्रीती मिश्र तिवारी
November 15 2014
Translation for non hindi readers(not exact but close enough)
Sometimes chirpy like a birdie,
Sometimes frolicking like a butterfly
Sometimes fragrant like flowers
Sometimes showering like rain
Sometimes sulking, sometimes coaxing,
My daughter
Sometimes noise of my home
Sometimes the sunshine and shade of my yard
Sometimes the wetness of my eyes
Sometimes the smile of my face
Sometimes my pride
Sometimes the beat of my heart
My daughter ……