तारीफ – Praise

तारीफ

तारीफ इतनी भी ना कर ऐ दोस्त , की मुझको खुद पे गुमाँ हो जाये
चाहत इतनी ही  है पाँव रहें जमीँ पर, मगर हम दिल में घर बना जायें !!!